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सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
तेजस पूनियां
@1602103889882155
Sirf EK Bandaa Kaafi Hai Movie Review: बेस्ट कोर्ट रूम ड्रामा, जरूर देखना चाहिए
Sirf EK Bandaa Kaafi Hai Movie Review in Hindi: हिन्दी सिनेमा में ढेरों ऐसी फिल्में आईं हैं जिनमें कोर्ट रूम ड्रामा नजर आता है या कथित बाबाओं की कहानियां नजर आती हैं. लेकिन यह फिल्म उन सभी में अपने को शीर्ष पर ले जाकर खड़ा करती है.
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
सिर्फ एक बंदा काफी है जो रब का है, लॉ उसका धंधा है, जस्टिस दिलाना काम है!
हकीकत में वो बंदा पीसी सोलंकी है जिसने ना सिर्फ बंदे का नाम लेकर फिल्म ने इशारा भर किया है और कहते हैं ना इशारों को अगर समझों, सो एक और इशारा हमने भी कर दिया है. समझ गए ना आसूमल वही सजायाफ्ता बदनाम कथावाचक रेपिस्ट बाबा है, जो जेल में है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
जंतर मंतर पर समर्थकों द्वारा पहलवानों पर बात उतनी ही है जितना दाल में नमक होता है!
पहलवान बनाम ब्रज भूषण शरण सिंह : खासी दिलचस्प है धरनास्थल की हकीकत. यूं तो धरने पर पहलवानों को समर्थन देने के लिए शाहीनबाग की दादी से लेकर किसानों, बुद्धिजीवियों, लेखकों, छात्रों, वकीलों और खाप नेताओं का जमावड़ा है. लेकिन इनसे पहलवानों को कितना बल मिलेगा अभी इस बारे में कुछ कहना शायद जल्दबाजी ही होगा.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
रेप वाले उटपटांग - शर्मनाक राग अलापने के पीछे कुत्सित राजनीतिक मकसद था रागा का!
रेप वाली टिप्पणी पर पुलिस द्वारा संज्ञान लिया जाना पॉलिटिकल क्लास को रास नहीं आया और तर्क कम कुतर्क ज्यादा के सहारे केस अगेंस्ट पुलिस बनते देर नहीं लगी कि बेचारे राहुल गांधी को ही परेशान किया जा रहा है.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
अणु शक्ति सिंह
@anushakti19.singh
स्वाति को भद्दी गालियां देने वाले भी उसके पिता की तरह ही घिनौने अपराधी हैं!
स्वाति को सच क्यों नहीं बोलना चाहिए? क्यों उसे चुप रहना चाहिए? क्यों? उसे भी मालूम होगा कि भारतीय समाज किस तरह पेश आएगा फिर भी सच बोलना उसकी हिम्मत का परिचायक है. हां, इतना जानने के बाद भी आप मुंह छिपा रहे हैं. स्वाति को गालियां दे रहे हैं तो यह ज़रूर है कि आप इस तरह के घिनौने अपराध को बल दे रहे हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
महिला को किस करके भागने वाले के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, यह मजाक नहीं है
इस वीडियो को देखने वाले स्तब्ध रह जा रहे हैं. दिमाग एकदम सन्न हो जाता है कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है? हमारा तो इस बारे में सोच के ही दिमाग गिनगिना जाता है तो सोचिए पीड़ित महिला पर क्या बीत रही होगी?
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
सिंगल रहने वाली महिलाओं को जज क्यों किया जाता है?
अकेले रहने वाली महिलाओं को हर कदम पर जज किया जाता है. मोहल्ले वाले लोग नहीं चाहते हैं कि उनके बच्चों की उस महिला से दोस्ती हो. उनके हिसाब से वह उनके बच्चों को बिगाड़ देगी. अकेली रहने वाली महिला के कैरेक्टर पर लोग आसानी से उंगली उठा देते हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
देह के शिकारियों के लिए दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष का महिला होना काफी है
स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी हुई है और इसमें हैरान होने वाली कोई बात नहीं है, क्योंकि आखिरकार हैं तो वे एक लड़की ही. क्योंकि छे़ड़खानी करने वालों को लगता है कि लड़की है तो छेड़ा जा सकता है...लड़की है क्या कर लेगी? लड़की है मतलब कमजोर है? लड़की है कहां जाएगी?
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
लड़की के फ्रेंडली होने का मतलब आपकी मर्जी में उसकी हां नहीं है
अगर लड़की मिलनसार है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह पुरुषों के गलत इरादों के लिए हां कहेगी. इसलिए ऐसे पुरुषों को अपनी गंदी मानसिकता अपने पास रखनी चाहिए.